खेल का महत्व पर निबंध || Essay on Importance of Sports in Hindi

खेल का महत्व पर निबंध || Essay on Importance of Sports in Hindi

भूमिका

हमारे देश में सर्वप्रथम स्वामी विवेकानंद ने अपने देश के नवयुवकों को संबोधित करते हुए कहा था हमारे देश के  नवयुवकों को बलवान बनना चाहिए। उनके अनुसार स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास संभव है। और शरीर को स्वस्थ तथा हष्ट–पुष्ट बनाने के लिए खेल तथा व्यायाम आवश्यक है। पुस्तकों से हमें ज्ञान प्राप्त होता है। और खेलने से हमारा शरीर मजबूत होता है। जीवन में जितना आवश्यक शिक्षा है उतना ही आवश्यक खेलकूद है।

खेल कूद का महत्व

खेल का सबसे बड़ा महत्व है कि खेल व्यक्तित्व  का निर्माता होता है। खेलकूद शरीर और मन में नई ताजगी लाता है। प्राचीन काल में खेलकूद को सिर्फ मनोरंजन का साधन समझा जाता था। बच्चे अपने शिक्षा से समय निकालकर मनोरंजन के लिए खेलकूद करते थे। परंतु आधुनिक काल में खेल का अत्यधिक महत्व है। हमारे देश में खेल को इतना महत्व दिया गया है कि खेलकूद से हम अपनी पहचान राष्ट्रीय स्तर से अंतरराष्ट्रीय स्तर तक कर सकते हैं। और खेल के क्षेत्र में हम अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं। खेल का सबसे बड़ा महत्व है कि खेल व्यक्तित्व का निर्माता होता है, खेल व्यक्ति के व्यक्तित्व एवं चरित्र का दर्पण भी होता है। खेल में यदि कोई बेईमानी करता है। तो वह बेईमान व्यक्ति है। कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो खेल में लड़ाई करते हैं। कुछ खिलाड़ी खेल को व्यवसाय के रूप में अपनाते है। कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो सहयोगात्मक रूप से खेलते हैं। ऐसे खिलाड़ी सहयोगी होते हैं। इस प्रकार से हमें पता चलता है कि कौन खिलाड़ी बेहतर है। हमारे स्वास्थ्य जीवन के लिए खेलों की जितनी भूमिका है। उतनी शायद अन्य किसी चीज में नहीं है। यही कारण है कि अलग-अलग समाज और देश में विभिन्न प्रकार के खेलों को सर्वाधिक महत्व दिया जाता है।

खेल से लाभ

खेल हमारे जीवन को सच्चा आनंद देता है। हमारे शरीर तथा मन को स्वास्थ्य तथा सबल बनाता है।

विद्वान पी० साइरन ने कहा है– 'अच्छा स्वास्थ्य जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है। यदि हम स्वस्थ है तो हम अपने जीवन की सभी सपनों को पूरा कर सकते हैं। यदि हमारा स्वास्थ्य बेहतर नहीं होगा तो हम कभी भी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। स्वस्थ शरीर पाने के लिए जीवन में खिलाड़ी की भावना से खेल खेलना आवश्यक है। खेलने से शरीर हष्ट-पुष्ट होता है। मांसपेशियां मजबूत होता है। आलस दूर होता है। शरीर शुद्ध होता है। और भूख भी अधिक लगती है। साथ ही साथ हमारा मनोरंजन भी होता है। ना खेलने की स्थिति में शरीर कमजोर रोगी तथा आलसी हो जाता है। इन सब का कुप्रभाव हमारे स्वास्थ्य जीवन पर पड़ता है। मनुष्य की सूझ–भुझ समाप्त हो जाती है। इस प्रकार मनुष्य लक्षहीन हो जाता है। शरीर तथा मन से दुर्बल एवं रोगी व्यक्ति जीवन का सुख और अनंद‌ से हमेशा वंचित रह जाता है। इसीलिए जीवन में व्यक्ति को हर एक कला में परिपूर्ण होना चाहिए। खेल भी एक कला ही है। यदि व्यक्ति इस कला में परिपूर्ण है तो वह अपने स्वास्थ्य जीवन के साथ-साथ संपत्ति और विश्व भर में अपनी पहचान भी बना सकता है। अतः खेल समाजिक–राष्ट्रीय संगठन को सुदृढ़ करता है। 

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खेल के प्रकार

भारत देश का प्रमुख खेल फुटबॉल, कबड्डी, कैरम, हॉकी, क्रिकेट आदि है। भारत में सबसे ज्यादा फुटबॉल खेला जाता है। क्रिकेट, टेनिस, हॉकी, बैडमिंटन में फुटबॉल की अपेक्षा अधिक खर्च होता है। अन्य खेलों की अपेक्षा इसमें समय कम लगता है, और खेल में अधिक आनंद आता है। इस खेल में अधिक से अधिक अंगों का व्यायाम होता है। जिसके कारण अंग–भंग होने की संभावना कम रहती है। फुटबॉल दो टीमों के बीच खेला जाता है। दोनों टीमों में खिलाड़ियों की संख्या बराबर रहता है। यह खेल ज्यादातर संध्या समय में खेला जाता है। खिलाड़ी पूरी तैयारी के साथ मैदान में आते हैं। सच्चे खिलाड़ी हार–जीत की परवाह नहीं करते हैं। प्रत्येक खिलाड़ी में उत्साह, उमंग, अनुशासन और प्रतिद्वंदिता के भाव रहता है। परंतु खेल समाप्त होने के बाद वे आपस में परस्पर घनिष्ठ मित्र की भांति एक दूसरे से दिल खोलकर मिलते है। इस  खेल के कुछ आवश्यक नियम भी होते हैं।

जिन्हें पूरा करना हर खिलाड़ियों का कर्तव्य होता है। खेल की हर एक टीम अनुशासन के नियमों से बंधी रहती है। खेल के दरमियां खिलाड़ियों को कभी हारना पड़ता है तो कभी वह विजय प्राप्त करते हैं। हारने के बाद भी वह निराश नहीं होते। कई ऐसे खेल जिसके कारण‌ शारीरिक एवं मानसिक तनाव दूर रखती है। हमारे देश में हर खेल का अपना अलग-अलग अंदाज है। हमारे देश में बच्चे फुटबॉल के साथ-साथ कबड्डी, कैरम, लीडो,हॉकी, कंचे, गिल्ली डंडा, छुपन–छुपाई आदि खेलते हैं। इन खेलों की खास बात यह है कि इनमें से कुछ ऐसे खेल है जिसे हम अपने घर में बैठ कर आराम से अपने परिवार या दोस्तों के साथ खेल सकते हैं। जैसे–कैरम और लीडो। इस खेल से सिर्फ मनोरंजन कर सकते है। इस खेल से हमारे शरीर को लाभ नहीं मिलता है। अतः इस प्रकार सभी खेलों का अलग-अलग महत्व है।

खेल से हानि

कुछ ऐसे व्यक्ति है जो अपना सारा समय खेल में ही व्यतीत कर देते है। कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो खेल में स्वच्छ मन से शामिल नहीं होते हैं। और दूसरे खिलाड़ी को हमेशा नुकसान पहुंचाने की कोशिश में लगे रहते हैं। जुआ जैसे खेलों का लत लग जाने से व्यक्ति गलत आदतों का शिकार हो जाता है। जैसे शराब पीकर जुआ खेलता है तथा अपने पूरी कमाई जुआ में हार जाता है। ऐसी स्थिति में उसका परिवार बिखर जाता है। ये सब खेल की हानियां है।

खेल विजयी बनाते हैं

खेलकूद से व्यक्ति को संघर्ष करने की आदत लगती है। खेल खिलाड़ियों को नवजीवन प्रदान कराती है। उसे हार– जीत को सहर्ष झेलने की आदत लगाती है। खिलाडी खेल में इतना मगन हो जाता हैं कि खेलते समय खिलाड़ी स्वयं को भूल जाता है। सच्चा खिलाड़ी बिना हार जीत की परवाह किए सच्चे मन से खेलता रहता है। खेल हमारे जीवन को अनुशासन, संगठन, पारस्परिक सहयोग, आज्ञाकारिता, साहस, विश्वास और औचित्य की शिक्षा प्रदान कराते हैं।

निष्कर्ष

हमारे जीवन में खेलकूद का बहुत महत्व है। इसीलिए हमें खेल को स्वच्छ मन से खेलना चाहिए। हमें खेल में अत्यधिक समय को व्यर्थ बर्बाद नहीं करना चाहिए। तभी हम सच्चा आनंद तथा जीवन की उपलब्धि प्राप्त कर सकते हैं। खेल का अर्थ होता है आनंद बनाना, मन बहलाना,अपने शरीर को स्वस्थ बनाना आदि। जीवन भी एक खेल है, इसीलिए इस खेल में अपने उत्साह उमंग और आनंद को बनाए रखने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।

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