मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध || Essay on It is the Mind which Wins and Defeats

मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध || Essay on It is the Mind which Wins and Defeats

"मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध" ( 'Essay on It is the Mind which Wins and Defeats") 

मनुष्य का दैनिक जीवन अनेक प्रकार की विविधताओं से भरा होता है। जिसमें जिंदगी के हर पड़ाव जैसे सुख-दुख, त्याग-समर्पण, आशा-निराशा तथा जय-पराजय‌ के अनेक तथ्य समाहित होते हैं। ये कथन सत्य है, परंतु यह भी सत्य है कि मनुष्य की समस्त जीवन प्रक्रिया का संचालन उसके मस्तिष्क द्वारा होता है। कहा जाता है कि '"के हारे हार है मन के जीते जीत" अर्थात हम अपने मन में जिस प्रकार के विचार धारण करते हैं। हमारा जीवन उन्हीं विचारों के अनुरूप ढल जाता है। कहने का मतलब है कि जिंदगी में हार-जीत चलती रहती हैं। जिंदगी में हार जीत का फैसला हमारा मन करता है। यदि हम किसी भी कार्य के लिए अपने मन में नकारात्मक सोच रखते हैं। तो वह कार्य का प्रभाव नकारात्मक ही होता है। इसके विपरीत यदि हम सकारात्मक सोच के साथ अपने कार्य करने की कोशिश करते हैं तो उसका परिणाम सकारात्मक ही होता है। यदि मनुष्य का मन हार स्वीकार नहीं करता है। तो विपरीत परिस्थितियों में भी वह विजय को प्राप्त करता है।

मन जीवन के सफलता की कुंजी है, कैसे 

मनुष्य के मन की स्थिरता, सकारात्मक विचार, धैर्य एवं सतत कर्म वस्तुत: मनुष्य के जीवन की सफलता की कुंजी है। हमारे आसपास कुछ ऐसे व्यक्ति होते हैं, जो सदैव अपने जीवन में सफलता पाते हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में असफल होते चले जाते हैं। हमेशा अपने जीवन में सफलता पाने वाले व्यक्ति प्रायः आशावादी, कर्मवीर तथा सकारात्मक विचार के होते हैं। वहीं दूसरी ओर हमेशा अपने जीवन में असफल होने वाले व्यक्ति प्रायः निराशावादी, हीन भावना और नकारात्मक विचार आदि से ग्रसित होते हैं।  कोई भी मनुष्य अपनी संपूर्ण मानसिक एवं शारीरिक क्षमताओं का अपने कार्य में कितना भी उपयोग कर लें। यदि उसका मन उसके कार्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, तो उसे कभी भी सफलता प्राप्त नहीं हो सकता है। क्योंकि मन के इच्छा के विरुद्ध किए गए कार्य में चाहे वह कितना भी मेहनत क्यों ना कर ले उसे सफलता नहीं प्राप्त होती है। अत: मन के योग से ही कार्य की सिद्धि होती है। मन के योग के अभाव में मनुष्य के कार्य में अस्थिरता उत्पन्न होती है। और वह अपने जीवन के हर क्षेत्र में असफल होता है।

किसी मनुष्य को जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्ति के लिए उसे कड़ी मेहनत और कष्टों आदि का सामना करना पड़ता है। कार्य आरंभ करने से लेकर सफलता प्राप्ति तक उसे अपना धैर्य हमेशा बनाए रखना होता है। साथ ही उसके कार्य में उसके मन का सकारात्मक विचार होना आवश्यक होता है। ऐसे मनुष्य अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं। इसलिए कहा गया है कि "मन के हारे हार है, मन के जीते जीत है।"

इसे भी पढ़े :-

योग पर निबंध हिंदी में

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध हिंदी में

कृषि पर निबंध हिंदी में

राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा पर निबंध


निष्कर्ष

मनुष्य के कार्य की सिद्धि के लिए उसका मन परम शक्ति संपन्न है। मनुष्य के विचारों का परिणाम उसके कार्य पर पड़ता है। इसीलिए हमें अपने विचार सकारात्मक रखनी चाहिए। ताकि हमारे मेहनत और लगन से किए गए कार्य का परिणाम भी सकारात्मक आ सके।

Comment / Reply From